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SWAARNIM KIDNEY DISORDERS CARE NEFROL+ CAPSULE
स्वर्णिम क्रोनिक किडनी डिजीज,नेफ्रैटिस,किडनी पथरी,प्रोटीन यूरिन केयर नेफरोल+ कैप्सूल
यह आयुर्वेदिक कैप्सूल गुर्दे (Kidney) से संबंधित विकारों जैसे गुर्दे की कमजोरी, संक्रमण, किडनी स्टोन, सूजन, यूरिन रिटेंशन, बार-बार यूरिन आना या जलन आदि में उपयोगी है। यह किडनी को शुद्ध करता है, कार्यक्षमता बढ़ाता है और मूत्र मार्ग को स्वस्थ बनाए रखता है।
✅ 1. प्रकार (Types of Kidney Disorders)
किडनी स्टोन (Kidney Stones)
किडनी की सूजन (Nephritis)
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD)
पेशाब में जलन / रुकावट
बार-बार पेशाब आना
मूत्र संक्रमण (UTI)
प्रोटीन यूरीन (Protein in Urine)
किडनी फंक्शन की कमजोरी
पानी रुकना (Water Retention)
⚠️ 2. लक्षण (Symptoms)
पेशाब करते समय जलन या दर्द
बार-बार यूरिन आना
पेशाब का रंग गाढ़ा या झागदार
कमर के नीचे दर्द (Lower Back Pain)
चेहरे व पैरों में सूजन
थकावट और कमजोरी
भूख की कमी
उल्टी या मतली
ब्लड प्रेशर बढ़ना
मूत्र में बदबू या खून आना
🎯 3. कारण (Causes)
पानी कम पीना
ज्यादा नमक व प्रोटीन युक्त आहार
पथरी बनावट की प्रवृत्ति
बार-बार संक्रमण (UTI)
डायबिटीज व हाई BP
दर्दनाशक दवाइयों का अत्यधिक सेवन
मूत्र को रोकना
अनियमित जीवनशैली
शराब व धूम्रपान
🛡️ 4. बचाव (Prevention)
रोजाना 8–10 गिलास पानी पीना
मूत्र रोकने की आदत न रखें
नियमित जांच कराते रहें
नमक व प्रोटीन की मात्रा नियंत्रित करें
हार्ड व चायनीज भोजन से परहेज
घरेलू हर्बल पेय (जैसे गोकशुर, पुनर्नवा काढ़ा) का सेवन
वजन नियंत्रित रखें
🥗 5. डाइट चार्ट (Kidney-Friendly Diet)
सुबह खाली पेट:
गुनगुना पानी + गिलोय रस / नींबू पानी
नाश्ता:
फल (जैसे पपीता, सेब) + दलिया या पोहा
दोपहर:
2 रोटी + लौकी/तोरी/कद्दू की सब्ज़ी + मूंग दाल (कम नमक)
शाम:
नारियल पानी / तुलसी गिलोय काढ़ा
रात्रि:
खिचड़ी + उबली सब्ज़ी
विशेष:
दिनभर पानी घूंट-घूंट करके पिएं
तरबूज, खीरा, बेल आदि का प्रयोग लाभकारी
🚫 6. अपथ्य (क्या न खाएं)
अधिक नमक
बहुत ज्यादा प्रोटीन (अंडा, मांस, दालें – सीमित मात्रा में)
कोल्ड ड्रिंक, चाय–कॉफी
डीप फ्राई व मसालेदार भोजन
बासी व पैक्ड फूड
बहुत अधिक दवा लेना
शराब, धूम्रपान
पथरी बढ़ाने वाले खाद्य: टमाटर बीज, पालक (यदि पथरी हो तो)
🧘♀️ 7. योगासन (Kidney Health के लिए योग)
🌿 8. स्वर्णिम Kidney Disorders Care Nefrol+ Capsule
किडनी को डिटॉक्स करता है
सूजन, जलन, संक्रमण में राहत
पथरी के विघटन में सहायक
मूत्र की मात्रा और प्रवाह संतुलित करता है
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
मूत्र मार्ग की सफाई
पुरानी कमजोरी व थकावट में राहत
🌿आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के साथ संयोजन
आंवला , अपामार्, अश्वगंधा , भृंगराज , भुई आंवला , गिलोय , गोखरू, कटसरैया , केवांच बीज , खस , कुल्थी , मेहंदी , पाषाणभेद , पुनर्नवा , शतावरी , सौंफ के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।
सेवन विधि :
प्रतिदिन 2-2 नेफरोल+ कैप्सूल दिन में दो बार पानी के साथ