SWAARNIM DIAREO+ – DIARRHOEA CARE CAPSULE
(स्वर्णिम डायरीओ+ – दस्त/डायरिया केयर कैप्सूल)
यह आयुर्वेदिक कैप्सूल एंटी-माइक्रोबियल व पाचन-सुधारक जड़ी-बूटियों से बना है, जो अचानक या पुरानी दस्त (Diarrhoea), पतले मल, पेट में ऐंठन व संक्रमण जैसी समस्याओं में तेज़ व प्राकृतिक राहत देता है। यह पाचन को सशक्त बनाता है और आँतों की सूजन कम करता है।
🔶 1. रोग का प्रकार (Types of Diarrhoea Covered)
🔶 2. लक्षण (Symptoms of Diarrhoea)
बार-बार पतला मल आना
पेट में ऐंठन या मरोड़
जी मिचलाना, उल्टी
शरीर में कमजोरी
मुंह सूखना / प्यास ज़्यादा लगना
बुखार या हल्की कंपकंपी (संक्रमण की स्थिति में)
मल में दुर्गंध या झाग
🔶 3. कारण (Causes)
दूषित या बासी भोजन
बैक्टीरियल/वायरल संक्रमण (जैसे ई.कोलाई, रोटावायरस)
एलोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट
अधिक तेल-मसाले वाला खाना
बार-बार चाय-कॉफी
मानसिक तनाव
आंतों की दुर्बलता या अम्लपित्त
🔶 4. बचाव (Prevention Tips)
साफ पानी और ताज़ा भोजन लें
सड़क किनारे खाने से बचें
हाइजीन का ध्यान रखें (हाथ धोना)
दूध या दूध से बनी चीज़ें दस्त में न लें
बासी या पैकेज्ड फूड से बचें
पाचन शक्ति को नियमित रूप से सुधारें
🔶 5. डाइट चार्ट (Diet Chart during/after Diarrhoea)
दस्त के दौरान (पहले 1–2 दिन):
ORS / नारियल पानी / बेल का शरबत
मूँग पानी / सादा खिचड़ी / राइस पेज
केले, सेब की चटनी (सेब को उबालकर)
छाछ (नमक हल्का डालकर)
अदरक-जीरा-धनिया काढ़ा
धीरे-धीरे जोड़ें:
मूँग दाल खिचड़ी
साबूदाना खिचड़ी
उबली हुई सब्जियाँ
दलिया
🔶 6. अपथ्य (बचने योग्य चीजें)
दूध, दही (पहले 3 दिन)
मिर्च-मसाला, तला हुआ खाना
जूस, कोल्ड ड्रिंक
कच्चे फल / सलाद (शुरुआती दिन में)
मीठे खाद्य पदार्थ
कैफीन, शराब
बिना उबाला पानी
🔶 7. योगासन (Diarrhoea के बाद पाचन सुधार हेतु योग)
(दस्त के दौरान योग न करें; रिकवरी के बाद करें)
वज्रासन (भोजन के बाद)
पवनमुक्तासन
अधोमुख शवासन
कपालभाति (धीरे-धीरे)
योग निद्रा
अनुलोम-विलोम (Recovery के समय)
🔶 8. Swaarnim Diareo+ Diarrhoea Care Capsule
आँतों की सूजन व संक्रमण को शांत करता है
मल को सामान्य बनाता है
पाचन अग्नि को पुनर्स्थापित करता है
शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है
शरीर को निर्जलीकरण से बचाता है
🌿आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के साथ संयोजन
अजवाइन, अमड़ा, अनार चाल, बेलगिरी, चन्द्रशूर, चित्रक, दरुहल्दी, गिलोय, हरड़, जायफल, करंज, कुर्ची, मोचरस, नागरमोथा, नागकेशर, राल, शतावरी, श्योनाक, सोंठ, सौंफ के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।
खुराक (Dosage):
2 – 2 डायरीओ+ कैप्सूल दिन में 2 बार भोजन के बाद