SWAARNIM RESPIRATORY DISORDERS CARE KOFNOL+ CAPSULE
स्वर्णिम अस्थमा,साइनस,आईएलडी, लंग्स फाइब्रोसिस,एलर्जी केयर कफनाल+ कैप्सूल
यह कैप्सूल फेफड़ों और श्वसन तंत्र (respiratory system) को स्वस्थ रखने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया आयुर्वेदिक उत्पाद है। यह दमा, खांसी, साइनस, सांस फूलना, ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है।
✅ 1. प्रकार (Types of Respiratory Disorders)
दमा (Asthma)
ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
साइनस (Sinusitis)
एलर्जी से होने वाली खांसी/छींके
क्रॉनिक कफ व गला बैठना
सांस फूलना (Breathlessness)
पोस्ट कोविड फेफड़ों की कमजोरी
गले में खराश व टॉन्सिल
⚠️ 2. लक्षण (Symptoms)
लगातार खांसी आना
सांस लेने में कठिनाई
छाती में जकड़न
बार-बार छींक आना
गले में खराश
नाक बंद या पानी आना
थकान, कमजोरी
तेज सर्दी लगना या पसीना आना
आवाज बैठना
सीटी जैसी आवाज के साथ सांस लेना (Wheezing)
🎯 3. कारण (Causes)
धूल, धुआँ, प्रदूषण का संपर्क
एलर्जी (pollen, मौसम परिवर्तन, इत्र, आदि से)
सिगरेट/धूम्रपान
ठंडे खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन
वंशानुगत समस्या (Genetic)
कमजोर फेफड़े
कोविड/वायरल के बाद की जटिलताएं
अत्यधिक तनाव और शारीरिक दुर्बलता
🛡️ 4. बचाव (Prevention)
धूल, धुएँ व प्रदूषण से बचें
ठंडी चीजों से परहेज करें
गर्म पानी व भाप लें
व्यायाम और प्राणायाम करें
तुलसी, अदरक, गिलोय का सेवन करें
सर्दी के मौसम में विशेष सावधानी
श्वसन की गहराई बढ़ाने के अभ्यास करें
🥗 5. डाइट चार्ट (Diet Plan for Respiratory Health)
सुबह खाली पेट:
गुनगुना पानी + शहद + नींबू / तुलसी अदरक काढ़ा
नाश्ता:
दलिया + सूखे मेवे + फल (जैसे अनार, पपीता)
दोपहर:
रोटी + हरी सब्ज़ी + मूंग दाल + सलाद + अदरक छाछ
शाम:
गिलोय तुलसी काढ़ा / गुड़ और सौंठ का पानी
रात्रि:
खिचड़ी या हल्का सूप
सोने से पहले:
गाय का दूध + हल्दी + काली मिर्च
🚫 6. अपथ्य (क्या न खाएं)
-
ठंडा पानी, आइसक्रीम
दही, especially रात में
अत्यधिक तले और मसालेदार खाद्य पदार्थ
एलर्जी कारक खाद्य (जैसे मछली, अंडा)
धूल या धुएं में बाहर निकलना बिना मास्क
धूम्रपान
🧘♀️ 7. योगासन और प्राणायाम (For Respiratory Health)
8. स्वर्णिम Respiratory Disorders Care Kofnol+ Capsule
फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है
पुरानी खांसी, दमा व एलर्जी में उपयोगी
छाती की जकड़न और सांस की तकलीफ में राहत
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
श्वसन नली की सफाई और मजबूती
गले और नाक की सूजन में आराम
🌿आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के साथ संयोजन
अडूसा पाउडर, मुलेठी, हल्दी, शिरीष, कंटकारी, तुलसी, काकड़सिंगी, कपूर-कचरी, पिप्पली, कुटकी, भरंगी, सोंठ, बिल्व पत्र, काली मिर्च, त्रिफला, सोमलता, नवसादर, कपूर, अजवायन के फूल, लवंग, द्राक्षा, जूफा, लहसुन, विदंग के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।
सेवन विधि :
1 . प्रतिदिन 2-2 कफनाल+ कैप्सूल दिन में दो बार पानी के साथ
2 . सोने से पहले सिर के नीचे तकिये का उपयोग किए बिना प्रत्येक नाक में टोनर नेज़ल की 2-2 बूंदें डालें। इसके अलावा नाभि क्षेत्र (नाभि) पर उपरोक्त तरल की 2-3 बूंदें डालें और अनामिका की मदद से उंगली को दक्षिणावर्त और वामावर्त दिशा में 3-4 बार घुमाएं। इसी प्रकार इसे प्रतिदिन क्रमशः सुबह और दोपहर के भोजन के बाद दोहराएँ। ठोस पदार्थ को पिघलाने के लिए बोतल को गर्म पानी में या सीधे सूर्य की रोशनी में रखें।